बुधवार, 31 दिसंबर 2025

आज का इतिहास : 31 दिसंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ

 


ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 

31 दिसंबर 1600 को महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा दिए गए एक शाही चार्टर के माध्यम से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी। इसे पूर्वी इंडीज के साथ व्यापार करने के लिए स्थापित किया गया था। व्यापार से शुरू होकर, कंपनी ने भारतीय उपमहाद्वीप पर धीरे-धीरे नियंत्रण कर लिया, जो 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद प्रशासनिक शक्ति में बदल गया। अंत: 1858 में कंपनी का शासन समाप्त हुआ और भारत ब्रिटिश राज के अधीन हो गया और 1874 में यह कंपनी पूरी तरह से भंग कर दी गई।


• 'बेसिन की संधि' 

31 दिसंबर 1802 को मराठा पेशवा बाजीराव द्वितीय ने होलकर सरदारों से हारने के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ 'बेसिन की संधि' पर हस्ताक्षर किया। संधि के तहत पेशवा को विदेशी मामलों और सेना का नियंत्रण अंग्रेजों को देना पड़ा। यह संधि मराठा साम्राज्य के पतन का एक निर्णायक बिंदु थी। आगे चलकर द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1803-1805) हुआ और 1818 तक ईस्ट इंडिया कंपनी ने पेशवा के क्षेत्रों पर पूरी तरह कब्जा कर लिया।


लाहौर अधिवेशन में 'पूर्ण स्वराज्य' का लक्ष्य घोषित

31 दिसम्बर 1929 को लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में 'पूर्ण स्वराज' को मुख्य लक्ष्य घोषित किया। लोगों ने ब्रितानी साम्राज्य से पूरी तरह से स्वतंत्र होकर 'अपना राज' बनाने के लिए संघर्ष करने की प्रतिज्ञा की थी। 


परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले के निषेध का समझौता

भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले के निषेध का समझौता 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षरित हुआ, जो 27 जनवरी 1991 से प्रभावी हुआ। समझौते का उद्देश्य दोनों देशों को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों या सुविधाओं पर सीधे या परोक्ष रूप से हमला करने से रोकना है। 


आज इनकी पुण्यतिथि है...

1956 - पंडित रविशंकर शुक्ल जी

पंडित रविशंकर शुक्ल जी (1877–1956) स्वतंत्रता सेनानी और अविभाजित मध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। वे 1937 में केंद्रीय प्रांत और बरार के मुख्यमंत्री बने। 1946 से 1956 तक मध्य प्रांत के मुख्यमंत्री रहे और 1956 में मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। उनके नाम पर रायपुर में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय स्थापित है। 

1965 - वी. पी. मेनन जी

वी. पी. मेनन के नाम से जाने जाने वाले राय बहादुर वाप्पला पंगुन्नि मेनन (1893-1965) भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक प्रतिष्ठित अधिकारी थे। वे सरदार वल्लभभाई पटेल जी के सहयोगी के रूप में भी याद किए जाते हैं। स्वतंत्रता के बाद भारतीय रियासतों के एकीकरण में उनकी अहम् भूमिका रही।  

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