• विश्व बैंक की स्थापना
विश्व बैंक की स्थापना 27 दिसंबर 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण और विकास के उद्देश्य से हुई। यह 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्मेलन का प्रमुख परिणाम था। प्रारंभ में इसे अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के रूप में स्थापित किया गया, जो आज विश्व बैंक समूह का एक प्रमुख अंग है। विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य युद्ध-प्रभावित देशों के पुनर्निर्माण में सहायता करना, गरीबी उन्मूलन और विकासशील देशों को वित्तीय व तकनीकी सहयोग प्रदान करना है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. अमेरिका में स्थित है। वर्तमान में IBRD के 189 सदस्य देश हैं।
• शहीद लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म दिवस
27 दिसंबर 1942 को जन्मे लांस नायक अल्बर्ट एक्का भारतीय सेना के उन वीर सपूतों में शामिल हैं, जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। वे बिहार रेजिमेंट की 14वीं बटालियन में सेवारत थे। 1971 के भारत–पाक युद्ध के दौरान, तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के गंगासागर क्षेत्र में उन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में दुश्मन की मजबूत चौकियों पर आक्रमण किया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को पूरा किया और अंततः वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी असाधारण बहादुरी, नेतृत्व और आत्मबलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान 'परमवीर चक्र' से सम्मानित किया गया।
• मिर्ज़ा ‘ग़ालिब’ का जन्म दिवस
उर्दू और फ़ारसी साहित्य के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा उतर प्रदेश में हुआ था। उनका पूरा नाम मिर्ज़ा असदुल्लाह ख़ाँ बेग था। ग़ालिब का काव्य जीवन, प्रेम, पीड़ा, दर्शन और अस्तित्व संबंधी प्रश्नों की गहरी अभिव्यक्ति करता है। उन्होंने ग़ज़ल को केवल प्रेम-काव्य तक सीमित न रखकर उसमें बौद्धिकता, आत्मचिंतन और दार्शनिक गहराई जोड़ी। ग़ालिब की शायरी आज भी साहित्य, संस्कृति और जनमानस में कालजयी प्रभाव बनाए हुए है, और उन्हें उर्दू साहित्य की आधुनिक चेतना का अग्रदूत माना जाता है।
• बेनज़ीर भुट्टो की हत्या
27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री और तत्कालीन विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वे जनवरी 2008 में होने वाले चुनावों से पहले प्रचार कर रही थीं। लियाकत नेशनल बाग में एक राजनीतिक रैली के बाद उन पर गोलियां चलाई गईं और गोलीबारी के तुरंत बाद एक आत्मघाती बम विस्फोट किया गया। रावलपिंडी जनरल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
• सार्वजनिक रूप से पहली बार ‘जन गण मन’ का गायन
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ‘जन गण मन’ का पहली बार सार्वजनिक रूप से गायन 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता वार्षिक अधिवेशन में हुआ था। इस रचना में भारत के विभिन्न प्रांतों और जनसमूहों का प्रतीकात्मक उल्लेख है, जो एकीकृत राष्ट्र की अवधारणा या राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करता है। स्वतंत्रता के पश्चात 24 जनवरी 1950 को ‘जन गण मन’ को भारत के राष्ट्रगान के रूप में औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया।

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