• महात्मा गांधी का धमतरी आगमन
अपने प्रथम छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान महात्मा गांधी जी 21 दिसंबर 1920 को धमतरी पहुंचे। पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के आमंत्रण पर वे कंडेल नहर सत्याग्रह में शामिल होने के लिए आए थे। गांधी जी के आगमन की सूचना मात्र से ही ब्रिटिश सरकार ने किसानों पर लगाए गए जुर्माने (नहर पानी टैक्स) को वापस ले लिया, जो एक बड़ी जीत थी। मकईबंध चौक में जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी जी ने सत्य, अहिंसा आधारित सत्याग्रह का महत्व प्रतिपादित करते हुए कंडेल नहर सत्याग्रह के सफल संचालन के लिए बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव जी, नारायण राव मेघावाले जी और सुंदरलाल शर्मा जी की सराहना की। गांधीजी का यह प्रवास असहयोग आंदोलन के दौरान छत्तीसगढ़ में जनजागरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था।
• ठाकुर प्यारेलाल सिंह जयंती
ठाकुर प्यारेलाल सिंह जी (1891-1954) छत्तीसगढ़ में 'श्रमिक आन्दोलन' के सूत्रधार तथा 'सहकारिता आन्दोलन' के प्रणेता थे। उनका जन्म 21 दिसम्बर 1891 ई. को राजनांदगांव जिले के 'दैहान' नामक ग्राम में हुआ था। उन्होंने राजनांदगांव में मिल मज़दूरों को संगठित किया। उनके नेतृत्व में 1919 में मज़दूरों ने देश की सबसे पहली और लम्बी हड़ताल की थी। वे 1920 में महात्मा गाँधी के संपर्क में आए और असहयोग आंदोलन एवं सत्याग्रह आंदोलन में सक्रिय रहते हुए जेल गए। 1937 में रायपुर नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गए। 1945 में छत्तीसगढ़ के बुनकरों को संगठित करने के लिए आपके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बुनकर सहकारी संघ की स्थापना हुई। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनकी स्मृति में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 'ठाकुर प्यारेलाल सिंह सम्मान' दिया जाता है।
• पंडित सुन्दरलाल शर्मा जयंती
'छत्तीसगढ़ का गाँधी' कहे जाने वाले पंडित सुन्दरलाल शर्मा जी (1881-1940) का जन्म 21 दिसम्बर 1881 ई. को राजिम के निकट महानदी के तट पर बसे ग्राम चंद्रसूर में हुआ था। वे अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और कवि थे। उन्होंने हिन्दी तथा छत्तीसगढ़ी में लगभग 18 ग्रंथों की रचना की, जिसमें 'छत्तीसगढ़ी दान-लीला' उल्लेखनीय है। वे 'राष्ट्रीय कृषक आंदोलन', 'मद्यनिषेध', 'आदिवासी आंदोलन' तथा 'स्वदेशी आंदोलन' से जुड़े रहे। 'असहयोग आंदोलन' के दौरान जेल गए। हरिजनोद्धार व सामाजिक सुधार के उनके कार्यों की महात्मा गांधी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उनकी स्मृति में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा साहित्य/आंचिलेक साहित्य के लिए 'पण्डित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान' प्रदान किया जाता है। बिलासपुर में इनके नाम पर 'पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय' स्थापित है।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें