सोमवार, 22 दिसंबर 2025

इतिहास : 22 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं

 



श्रीगुरु गोविंद सिंह जी प्रकाश पर्व


श्रीगुरु गोविंद सिंह जी (1666–1708) सिख पंथ के दसवें एवं अंतिम मानव गुरु थे। उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 ई. को पटना साहिब (वर्तमान बिहार) में हुआ। उनका जीवन धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए समर्पित रहा। 1699 ई. में बैसाखी के अवसर पर उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने सिख समुदाय को एक संगठित, अनुशासित और समानतावादी पहचान दी। उन्होंने अन्याय और धार्मिक उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष को धर्म का अंग माना। उन्होंने 'दसम ग्रंथ' की रचना की, जिसमें वीर रस, नीति और आध्यात्मिक चिंतन का समन्वय है। 1708 ई. में नांदेड़ (महाराष्ट्र) में उन्होंने 'गुरु ग्रंथ साहिब' को सिखों का शाश्वत गुरु घोषित किया।


राष्ट्रीय गणित दिवस (रामानुजम स्मृति दिवस)


श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (1887-1920) एक महान् भारतीय गणितज्ञ थे। उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष 22 दिसम्बर को 'राष्ट्रीय गणित दिवस' मनाया जाता है। रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को कोयम्बटूर के समीप ईरोड नाम के ग्राम में हुआ था। इन्होंने संख्या सिद्धांत, विश्लेषण, अनंत श्रेणियाँ और निरंतर भिन्नांशों में महत्वपूर्ण परिणाम दिए। उनके द्वारा गणित के लिए किए गए अनुसंधान आज भी दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए प्रेरणा हैं। हालांकि इनके द्वारा किए गए अधिकांश कार्य अभी भी वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं। 


भारत में पहली मालगाड़ी चली


भारत में पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी, लेकिन पहली मालगाड़ी 22 दिसंबर 1851 को उत्तराखंड के रुड़की से पिरन कलियर के बीच चलाई गई थी। गंगा नहर के निर्माण के लिए मिट्टी और निर्माण सामग्री ढोने के लिए इस भाप इंजन वाली ट्रेन का उपयोग किया गया था, जो 10 किमी की दूरी 38 मिनट में तय करती थी। इस ट्रेन में इस्तेमाल होने वाले भाप इंजन का नाम 'थॉमसन' था, जिसे इंग्लैंड से मंगाया गया था।

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