मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

गर्भ से बेटी करे पुकार...

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तेरी जान बन जाऊंगी, जहान बन जाऊंगी, जन्न्त बन जाऊंगी,
अरज बन जाऊंगी, अजान बन जाऊंगी, मन्न्त बन जाऊंगी,
दे दे मां तू जीवन का दान वरदान मुझे, बेटी बन तेरी दौलत बन जाऊंगी,
तेरा सोना बन जाऊंगी, मैं हीरा बन जाऊंगी, रतन बन जाऊंगी।

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दे दे मां तू भीख मुझे बस एक जनम की ही, जनम-जनम तेरी दासी बन जाऊंगी,
ममता की छांह तेरी कोख में पलन दे दे, मुखड़े की तेरी हंसी-खुशी बन जाऊंगी,
दे दे मां तू सांस मुझे, अपनी सांसों से थोड़ी, सांसों की तेरी संगीत बन जाऊंगी,
धक-धक-धक तेरे हृदय की धड़कन, सुन-सुन कर नया गीत बन जाऊंगी।
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तेरा दीया बन जाऊंगी, मशाल बन जाऊंगी, चिराग बन जाऊंगी,
तेरी लौ बन जाऊंगी, लपट बन जाऊंगी, उजास बन जाऊंगी,
दे दे मां तू एक बार जिंदगी की रोशनी, तेरे तन मन का प्रकाश बन जाऊंगी,
तेरा शब्द बन जाऊंगी, विचार बन जाऊंगी, किताब बन जाऊंगी।

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तेरा फूल बन जाऊंगी, बसंत बन जाऊंगी, बहार बन जाऊंगी,
तेरा रूप बन जाऊंगी, मैं रंग बन जाऊंगी, श्रृंगार बन जाऊंगी,
नेह की बूंद दे दे अपनी रगों से जरा, सावन तेरा मधुमास बन जाऊंगी,
तेरी घटा बन जाऊंगी, बिजुरी बन जाऊंगी, बरसात बन जाऊंगी।
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दे दे मां तू नैन मुझे अपने नयन जैसे, तेरी इन अंखियों का तारा बन जाऊंगी,
दे दे मां तू हाथ मुझे अपनी भुजाओं जैसे, नाम तेरा होगा ऐसा काम कर जाऊंगी।
पांव दे दे मुझे बस अपने कदम जैसे, जीत के जहान तेरी खुशी लूट लाऊंगी।
दे दे मां तू दिल मुझे अपने ही दिल जैसा, दिल जीत सबकी दुलारी बन जाऊंगी।

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-ललित मानिकपुरी, रायपुर

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