सोमवार, 29 दिसंबर 2014

ठठा खेल थोड़ी है.…

रोग, शोक, दुःख, पीरा से मुक्ति
शादी पक्की, नौकरी में तरक्की,
सपने बेचकर अपना खजाना भरना,
ठठा खेल थोड़ी है बड़ा बाबा होना।

टीवी पर चमत्कारों का विज्ञापन,
गुप्त कक्षों में कामसूत्र के आसन,
एक ध्यान में कुंडलियां जगा देना,
ठठा खेल थोड़ी है बड़ा बाबा होना।


आश्रम की आड़ में मस्ती-अय्याशी,
फिर भी श्रीश्री ब्रह्मचारी, संन्यासी,
होटल में बैठ त्रिकालदर्शी हो जाना,

ठठा खेल थोड़ी है बड़ा बाबा होना।

भक्ति के नाम पर भोग-विलास,
साधना के नाम पर लीला-रास,
सत्य के नाम पाखंड का डंका बजा देना,
ठठा खेल थोड़ी है बड़ा बाबा होना।

ललित मानिकपुरी

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