सोमवार, 12 जनवरी 2015

गीत..

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तेरे नाम की चुटकी बनालूं,
बजाऊं दिन-रात सजना...बजाऊं दिन-रात सजना।
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हर पल तेरा रूप निहारूं,
आंखें खोलूं या पलकें मूंदूं,
पुतरी में तुझको बसालूं,
नचाऊं दिन-रात सजना...नचाऊं दिन-रात सजना।
तेरे नाम की चुटकी बनालूं,
बजाऊं दिन-रात सजना...बजाऊं दिन-रात सजना।
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चूड़ियां तेरे नाम की पहनूं,
बिन्दिया... तेरे नाम की...,
तेरे नाम की माला बनालूं,
जपूं मैं दिन-रात सजना...जपूं मैं दिन-रात सजना।
तेरे नाम की चुटकी बनालूं,
बजाऊं दिन-रात सजना...बजाऊं दिन-रात सजना।
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तुम मालिक परमातम मेरे,
तुम मेरे अधिकारी...
तेरे प्रेम की जोग लगालूं,
पुकारूं दिन-रात 'सजना"...पुकारूं दिन-रात 'सजना"।
तेरे नाम की चुटकी बनालूं,
बजाऊं दिन-रात सजना...बजाऊं दिन-रात सजना।
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-ललित मानिकपुरी, रायपुर (छग)

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