चलो यूं कर लें...
नए हैं दिन, नया साल, चलो यूं कर लें,नए कदम, नई चाल, चलो यूं कर लें।
दिलों में रोप दें एक पौध,चलो चाहत की
मन हो जाएं बाग-बाग, चलो यूं कर लें।
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तुम बनो चांद, चांदनी बिखेर दो अपनी,
मैं बनूं रात, मोहब्बत निसार दूं अपनी,
बना लें सेज सुनहरी, चलो सितारों की
नए सपने, नए हों ख्वाब,चलो यूं कर लें।
...
तुम्हे हो दर्द, तड़फकर जरा सा मैं देखूं,
तुम्हारी आह में मैं, अपनी कसक को देखूं,
हक एक-दूजे से मांगें, चलो देने का
मैं तुझे प्यार दूं, तुम चाह, चलो यूं कर लें।
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-ललित मानिकपुरी
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